मंगलवार, 26 जून 2012

रिहा होंगे सरबजीत, जरदारी ने फांसी की सजा उम्रकैद में बदली

जहीर खान =पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय कैदी सरबजीत सिंह जल्द ही रिहा होंगे. उम्मीद की जा रही है कि सरबजीत बुधवार को रिहा हो सकते हैं.

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सरबजीत सिंह की मौत की सजा आजीवन कारावास में तब्दील कर दी है.

पाकिस्तान के विधि मंत्रालय ने सरबजीत की रिहाई के लिए गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है. बताया जा राह है कि सरबजीत के रिहाई के आदेश पर दस्तखत कर दिए गए हैं.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अगर सरबजीत ने अपनी कारावास की सजा पूरी कर ली है तो उन्हें रिहा कर दिया जाए.

राष्ट्रपति कार्यालय से जारी आधिकारिक प्रस्ताव के बाद विधि मंत्री फारूक नाइक ने गृह मंत्रालय से कहा कि वह सरबजीत की ‘तत्काल’ रिहाई के लिए कदम उठाएं क्योंकि वह पहले ही आजीवन कारावास की सजा काट चुके हैं.

सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय और पंजाब के गृह मंत्रालय के जरूरी औपचारिकताएं पूरी किए जाने के बाद 49 वर्षीय सरबजीत को अगले कुछ दिनों में रिहा किया जा सकता है.

सरबजीत को 1990 में लाहौर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के लिए जिम्मेदार होने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

सरबजीत सिंह फिलहाल कोट लखपत जेल में बंद हैं. सरबजीत पिछले 22 साल से ज्यादा से जेल में बंद हैं.

चूंकि सरबजीत उम्रकैद के लिए तय सजा पहले ही काट चुके हैं इसलिए उनकी जल्द रिहाई हो सकती है.

1991 में उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी. फांसी की सजा होने के बाद से ही फांसी माफ कराने और रिहाई के लिए उनकी बहन दलबीर कौर और परिवार के लोग लगे हुए थे.

दलबीर कौर ने इस मामले को परवेज मुशर्रफ और जरदारी के सामने उठाया भी था. भाई के रिहाई के लिए दलबीर पाकिस्तान भी जा चुकी हैं.

सरबजीत को रिहा करने की खबर पर दलबीर ने खुशी जताई है और इसके लिए पाकिस्तानी राष्ट्रपति जरदारी को धन्यवाद दिया है.

सरबजीत के वकील ने कहा है कि यह एक अच्छी खबर है और इससे भारत-पाकिस्तान के रिश्ते और मजबूत होंगे.

सरबजीत की रिहाई ऐसे समय पर हो रही है, जब भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले महीने पाकिस्तानी कैदी मोहम्मद खलील चिश्ती की रिहाई का आदेश जारी किया था.