मंगलवार, 29 मई 2012

साल में केवल 4 गैस सिलेंडर पर सब्सिडी

सरकार जल्द एक ऐसा पोर्टल लॉन्च करने की तैयारी कर रही है, जो घरों में कुकिंग 
गैस सिलेंडर की डिलीवरी का रिकॉर्ड रखेगा। अधिकारियों का कहना है कि इससे सब्सिडी पर मिलने वाले गैस सिलेंडरों की आपूर्ति को सीमित किया जा सकेगा और उपभोक्ताओं को गैस भराने की एक निश्चित संख्या तक ही सब्सिडी मिल सकेगी। इस संख्या के बाद गैस रीफिल कराने पर उन्हें मार्केट रेट से पेमेंट करना होगा। 

मामले की सीधी जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने ईटी को बताया, 'पारदर्शिता रखने के लिए तैयार हो रहा यह ट्रांसपेरेंसी पोर्टल आम आदमी की पहुंच में होगा, जो इस बात पर सीधे नजर रख सकेगा कि कहीं डीलर कोई गड़बड़ी तो नहीं कर रहा।' अधिकारियों ने बताया कि सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की संख्या हर घर के लिए साल में चार तक सीमित करने की योजना है। इस पर अंतिम फैसला मंत्रियों का अधिकारप्राप्त समूह (ईजीओएम) करेगा, जो डीजल, केरोसीन और कुकिंग गैस की कीमतों की समीक्षा कर रहा है। 

फिलहाल दिल्ली में कुकिंग गैस के एक सिलेंडर का मार्केट रेट 879 रुपए है, लेकिन परिवारों को इसके लिए केवल 399 रुपए देना होता है। बाकी रकम सरकार सब्सिडी के तौर पर देती है। तेल मंत्रालय ने कैबिनेट सचिवालय को ईजीओएम की बैठक के लिए पहले कहा हुआ है, हालांकि इसके लिए अभी कोई तारीख नहीं तय की गई है। 

ईजीओएम की बैठक बजट सत्र के तुरंत बाद होनी थी, लेकिन हाल ही में पेट्रोल की कीमत में प्रति लीटर 7.50 रुपए की बढ़ोतरी के बाद पूरे देश में हो रहे विरोध को देखते हुए इसे टाल दिया गया। एक अधिकारी ने कहा, 'डीजल, केरोसीन और कुकिंग गैस पर हो रहे भारी रेवेन्यू लॉस को देखते हुए ईजीओएम की बैठक तो होनी ही है।' 

वित्त वर्ष 2011-12 के दौरान देश के कुल सब्सिडी बिल 1,38,541 रुपए का एक चौथाई केवल कुकिंग गैस के हिस्से में आया था। ट्रांसपेरेंसी पोर्टल सब्सिडी के डायरेक्टर ट्रांसफर पर नंदन नीलेकणी की अगुवाई वाले टास्क फोर्स की सिफारिशों में से एक है।

मंगलवार, 8 मई 2012

चंद बोतलों में गहरा होता मुनाफे का नशा

नई दिल्ली से जहीर खान 
बड़ी संख्या में अमीर भारतीय रेयर (दुर्लभ) ह्विस्की बॉटल्स खरीद रहे हैं। पीने की बजाय वे इसे सहेजकर रख रहे हैं। इसकी वजह यह है कि स्पेशल सिंगल माल्ट में निवेश की लोकप्रियता बढ़ रही है। साथ ही इनके कलेक्शन को लेकर दुनिया भर में लोगों के बीच जुनून भी बढ़ रहा है। मिसाल के तौर आप इस वाकये को ले सकते हैं। मौजूदा समय में दुनिया भर में डालमोर ट्रिनिटस की केवल तीन बोतलें हैं। 64 साल पुरानी इस सिंगल माल्ट ह्विस्की की एक बोतल का दाम आज 1,00,000 पौंड है। 

डालमोर ट्रिनिटस की तीन में से दो बोतलें भारतीय मूल के लोगों के पास हैं। एक बोतल दुनिया के सबसे बड़े ऑनलाइन ह्विस्की रीटेलर द ह्विस्की एक्सचेंज के मालिक सुखविंदर सिंह के पास है, जबकि दूसरी अटलांटा में रहने वाले उद्योगपति महेश पटेल के पास है। पटेल यूनिवर्सल ह्विस्की एक्सपीरिएंस नाम की फर्म चलाते हैं, जो लग्जरी और सुपर प्रीमियम लग्जरी इवेंट्स को प्रमोट करती है। 

पटेल का कहना है, 'ह्विस्की कलेक्शन को लेकर 22 साल पहले मेरे भीतर जुनून पैदा हुआ। उस समय मैं ब्रिटेन में इंजीनियरिंग स्टूडेंट था।' उन्होंने बताया, 'इसके बाद मैं अमेरिका चल गया और एक उद्यमी बन गया। मैंने निवेश के लिहाज से रेयर बॉटल्स कलेक्शन का विकल्प तलाशना शुरू किया और यह आइडिया ह्विस्की इवेंट होस्ट करने वाली कंपनी बनाने के रूप में तब्दील हुआ।' 

सिंह ने भी 25 साल पहले शौक के रूप में ह्विस्की कलेक्शन शुरू किया था और वे इसकी बढ़ती कीमत से खासे चौंक गए थे। 1980 के दशक में उन्होंने 50 साल पुरानी मैकेलन में निवेश किया, तब उनके इनवेस्टमेंट की वैल्यू 500 पौंड थी। मौजूदा समय में इसकी वैल्यू 25,000 पौंड से ज्यादा है। 

उनका कहना है, 'हमने करीब 15-20 साल पहले जो ह्विस्की कलेक्ट की थी, वह अब रेयर ह्विस्की हो गई है, क्योंकि अब वह उपलब्ध नहीं है।' फिलहाल ह्विस्की कलेक्टर्स क्लब में अमीर भारतीयों की संख्या लगातार बढ़ रही है, क्योंकि साल 2011 को खत्म पिछले 4 साल में टॉप 10 ह्विस्की में किया गया निवेश 400 फीसदी बढ़ा है। जबकि इस दौरान सोने में किया गया निवेश 146 फीसदी और हीरे में किया निवेश 10 फीसदी बढ़ा है। 

पटेल का कहना है, 'भारतीयों के लिए हमेशा से ह्विस्की पीने की चीज रही है। लेकिन अब देखने को मिल रहा है कि बड़ी संख्या में युवा भारतीय ह्विस्की में निवेश कर रहे हैं।' पटेल के कलेक्शन में करीब 2,000 रेयर बॉटल्स शामिल हैं, जिसमें अर्डबेग प्रोवेनैंस भी शामिल है। पटेल ने इसे 1990 के दशक में 200 पौंड में खरीदा था। आज दुनिया में इसकी कुछ ही बॉटल्स बची हैं।